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4 कविताएं

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4 कविताएं (ऊंची है मंजिल मेरी / युवाओं के प्रयास / पहाड़ी बोलने में शर्माते / है जुनून, है जज़्बा)

ऊंची है मंजिल मेरी

प्रियंका कोशियारी
कक्षा-10
कपकोट, उत्तराखंड

ऊंची है मंज़िल मेरी,
राह मैं ख़ुद बनाऊँगी,
डगमगा जाऊँ अगर कहीं,
तो फिर खड़ी हो जाऊँगी,
आगे बढ़ना सीखा है मैंने,
पीछे कैसे मुड़ जाऊँगी,
ना मानूँगी हार कभी,
सफलता तभी तो पाऊँगी,
तैयार है पूरी मेरी,
मेहनत करते जाना है,
सपना है यह मेरा,
मंज़िल तक मुझे जाना है,
रहे तो है कई मगर,
मंज़िल मेरी एक है,
बढ़ते रहना आगे निरंतर,
रास्ता भी होना नेक है।।

चरखा फीचर
—————————————————————————————————————————————————–
युवाओं के प्रयास



दिव्या धपोला
कपकोट, उत्तराखंड

हम आज के युवा हैं हम,
हमें ही कुछ करना होगा,
मिलजुल कर आगे बढ़ना होगा,
खेल के नये अवसर खोजने होंगे,
तभी तो तो आगे बढ़ पायेंगे,
आयेगी बहुत सी रुकावटें,
पर हमें रुकना नहीं होगा,
एक दूसरे के साथ आगे बढ़ना होगा,
समय का सही प्रयोग करना होगा,
नहीं लड़ना है अब किसी से,
बस आगे को बढ़ना है हमें,
क्यों खो जाते है गांव और जंगलों में?
क्यों बाहर नहीं निकल पाते हैं?
क्यों दुनिया नहीं देख पाते हैं?
क्यों यहीं तक रह जाते हैं?
अब आगे बढ़ते रहना होगा,
संसार में स्थान बनाना होगा,
हम आज के युवा हैं हम,
हमें ही कुछ करना होगा।।

चरखा फ़ीचर
—————————————————————————————————————————————————–
पहाड़ी बोलने में शर्माते



भावना
कक्षा-12
कन्यालीकोट, कपकोट
उत्तराखंड

पहाड़ों से दूर क्या गए,
पहाड़ी बोलने में शर्मा गए,
कोई पूछता तुम कहां से हो?
कह तो देते उत्तराखंड से हैं,
लेकिन भाषा नहीं आती वहां की,
अपनी ही भाषा बोलने में शर्माते हो,
मगर दूसरों की भाषा अपना लेते हो,
बोलने की जब बात आए तो टाल देते हो,
मगर इंस्टाग्राम पर खुद को पहाड़ी बताते हो,
फिर भी न जाने क्यों पहाड़ी बोलने में शर्मा जाते हो।।

चरखा फीचर
———————————————————————————————————————————————————
है जुनून, है जज़्बा



प्रियंका
गनीगांव, उत्तराखंड

है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,
अपनी हर मुश्किल से लड़ने और भिड़ जाने का,
अपने हर डर को खुद से खुद में हराने का,
अपना सारा जीवन देश की सेवा में लगाने का,
अपने देश की आन बान शान बढ़ाने का,
है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,
अपने देश के लिए मर मिट जाने का,
माना कि रास्ते में कठिनाइयां बहुत हैं,
हर कठिनाई को पार कर जाने का,
है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,
जाऊं जब मैं इस दुनिया से हर कोई याद करे मुझे,
गर्व से ले नाम मेरा, ऐसी पहचान बनाने का,
है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,
मर के भी दुनिया में अमर हो जाने का,
है जुनून, है जज़्बा मुझमें कुछ कर दिखाने का,
अपने देश के लिए मर मिट जाने का।।

चरखा फीचर

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