जया बच्चन का अमिताभ के बुरे दौर पर छलका दर्द
संगीता तोमर
जया बच्चन इस वक्त नातिन नव्या नवेली नंदा के पॉडकास्ट शो को लेकर चर्चा में हैं। जया हर एपिसोड में कुछ न कुछ खुलासे करती हैं। इस बार उन्होंने करियर को लेकर कुछ अहम बातें बताईं। साथ ही पति अमिताभ बच्चन के मुश्किल दौर पर भी बात की और कहा कि वह उनके पीछे चुपचाप खड़ी रहीं। 90 के दशक में अमिताभ बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे थे। उस वक्त जया ने किस तरह सपोर्ट किया, और कैसे सिचुएशन को संभाला, उस बारे में वह खुलकर बोलीं।
जया बच्चनने नव्या नवेली के पॉडकास्ट शो What The Hell Navya के दूसरे सीजन के नए एपिसोड में इस बारे में बात की। जया ने कहा कि ज्यादा दखल देने के बजाय वह पति अमिताभ बच्चन के पीछे चुपचाप खड़ी रहीं।
अमिताभ बच्चन का वो मुश्किल दौर और विवाद
मालूम हो कि अमिताभ बच्चन एक बार बोफोर्स घोटाले में फंस गए थे। उन्हें मीडिया ने भी बैन कर दिया था। यही नहीं, अमिताभ बच्चन ने कई साल तक फ्लॉप फिल्में दीं। वह एबी कॉर्प के साथ प्रोड्यूसर भी बने, पर यह पारी भी असफल रही। फिर ऐसा वक्त आया जब अमिताभ लगभग दिवालिया हो गए थे। जया ने पॉडकास्ट में अमिताभ बच्चन के इसी बुरे दौर के बारे में बात की।
जया बच्चन बोलीं- मदद की जरूरत होगी तो मांग लेंगे
जया बच्चन ने कहा, ‘हम अपनी जिंदगी में अलग-अलग फेज़ में अलग-अलग तरह की विफलताओं से गुज़रे। हमने एक साथ उनका सामना किया। मुझे नहीं पता कि मैंने सही काम किया या गलत, लेकिन यह भी अच्छा है कि जब कोई आदमी इस तरह के दौर से गुजर रहा हो, तो बस साथ रहना पर चुप रहना अच्छा है। बजाय इसके कि आप क्रिब करते रहें, गुस्सा करते रहे। वो बहुत बुरा लगता है। अगर उन्हें आपकी मदद की जरूरत है, तो वो मांग लेंगे। लेकिन क्रिब करना, गुस्सा करना ये बहुत इरिटेटिंग है। शायद चुप रहना और वहां खड़े होकर चुप्पी के जरिए बताना कि मैं साथ हूं, यहां हूं…वो ज्यादा अच्छा है।’
जया की बात से असहमत श्वेता, बोलीं- मैं तो मदद करूंगी
हालांकि जया बच्चन और अमिताभ बच्चन की बेटी श्वेता इससे सहमत नहीं थीं। उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि पुरुष बहुत मुश्किलें झेलते हैं। अगर आपका कोई दोस्त किसी तरह की परेशानी में है, लेकिन आपसे मदद नहीं मांग रहा है, तो क्या आप उसकी मदद नहीं करेंगे? मैं करूंगी। अगर आप गर्लफ्रेंड के लिए ऐसा करोगे, तो फिर एक लड़के के लिए क्यों नहीं कर सकते? कभी-कभी, मुझे लगता है कि एक आदमी को बस इतना ही चाहिए कि अरे सुनो, शायद तुम्हें इस तरह से सोचना चाहिए।’ या हो सकता है कि आप उन्हें कोई आइडिया दे दें या हो सकता है कि आप उन्हें एक पॉइंट दे दें, जिस पर वो काम कर सकें। मैं तो आगे बढ़कर मदद करना चाहूंगी क्योंकि मैं प्रॉब्लम सॉल्वर हूं।’