अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

एपीजे अब्दुल कलाम:भारत के मिसाइल मैन… चुनौती लेने वाले वैज्ञानिक

Share

मिसाइल मैन के रूप में विख्यात देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने अपना जीवन भारत को सशक्त, समृद्ध और
सामर्थ्यवान बनाने में समर्पित कर दिया। एक वैज्ञानिक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में, राष्ट्रीय विकास के लिए देश उनके
अमिट योगदान को कभी नहीं भूल सकता। कलाम ने 21वीं सदी में सशक्त और आधुनिक भारत का सपना देखा और इसे पूरा
करने के लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया। उनकी जीवन यात्रा हर भारतीय के लिए है प्रेरणास्रोत……

तमिलनाडु के रामेश्वरम में 15 अक्टूबर 1931 को एक गरीब परिवार में डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम का जन्म हुआ था। गरीबी
और कठिनाईयों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की और आगे चल कर वैज्ञानिक बने। भारत रत्न डॉ. कलाम का जीवन
उत्कृष्टता, सादगी व संवेदनशीलता का अद्भुत संगम था। वह सार्वनजिक जीवन में पारदर्शिता का काफी ध्यान रखते थे। जब
वह देश के राष्ट्रपति बने तो एक बार उनके परिवार के 52 सदस्य 9 दिनों के लिए राष्ट्रपति भवन में रुके थे। राष्ट्रपति भवन में
रहने वाले लोग राजकीय अतिथि होते हैं लेकिन डॉ. कलाम ने उनके 9 दिनों के प्रवास का 9.52 लाख रुपये का बिल जमा
किया था। यह भाव उनके सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता का उज्ज्वल उदाहरण है। भारत के लोग आज भी उन्हें जनता के
राष्ट्रपति के रूप में बड़े सम्मान के साथ याद करते हैं।
डीआरडीओ और इसरो जैसे संस्थानों को नई दिशा देने के कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम करने और उन्हें कामयाब बनाने
वाले डॉ. कलाम को ‘भारत के मिसाइल मैन’ के नाम से भी जाना जाता है। उनके नेतृत्व में भारत में कई स्वदेशी मिसाइल
और सैटेलाइट बनाए गए। डॉ. कलाम के नेतृत्व में विकसित अग्नि मिसाइल के सफल प्रक्षेपण ने पूरी दुनिया के सामने भारत
की मिसाइल शक्ति का प्रदर्शन किया। डॉ. कलाम के सपनों को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली
सरकार ने अंतरिक्ष में नए स्टार्टअप और युवाओं के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। यही कारण है कि आज भारत अंतरिक्ष में
दुनिया का नेतृत्व करता नजर आने लगा है। डॉ. कलाम प्रकृति और अध्यात्म से भी गहराई से जुड़े थे, यह बात उनके नेतृत्व में
विकसित पृथ्वी, अग्नि, आकाश, नाग और त्रिशूल मिसाइलों के नाम रखे जाने से स्थापित होती है।
‘इंडिया 2020 : ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम’ नामक पुस्तक में डॉ. कलाम ने भारत के भविष्य और विकास के रोडमैप को
रेखांकित किया है। इस पुस्तक में तीन मुख्य बातें देश के युवाओं के सामने रखी गई। पहली- भारत को एक राष्ट्र के रूप में
अपनी क्षमताओं को पहचान कर उसे उजागर कर भारत का विकास करना। दूसरी- टेक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था को
विकसित करना। तीसरी – बैलेंस ग्रोथ मॉडल अपना कर गांव और शहर, कृषि और इंडस्ट्री दोनों के बीच में संतुलन बनाकर
विकास को आगे बढ़ाना। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत इन तीनों बातों को साकार कर एक विकसित राष्ट्र
बनने की दिशा में आगे बढ़ चला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2022 में डॉ. कलाम के जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए कहा था, “मुझे कई वर्षों तक डॉ. कलाम के
साथ निकटता से संवाद करने का सौभाग्य मिला। मैंने भारत की प्रगति को लेकर उनकी प्रतिभा, विनम्रता और जुनून को
करीब से देखा है।” 27 जुलाई 2015 डॉ. कलाम के निधन पर अपने शोक संदेश में पीएम मोदी ने कहा था कि डॉ. कलाम के

साथ हुई मेरी मुलाकातों की कई बातें याद आ गई। वे हमेशा अपनी बुद्धिमत्ता से आश्चर्यचकित कर देते थे। उनसे कई सारी
बातें सीखीं। डॉ. कलाम लोगों के साथ रहना पसंद करते थे। लोग और युवा भी उनका सम्मान करते थे।
27 जुलाई 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामेश्वरम में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम स्मारक का उद्घाटन किया। उन्होंने डॉ.
कलाम की प्रतिमा का भी अनावरण किया और पुष्पांजलि अर्पित की। डॉ. कलाम का यह स्मारक विशेष रूप से उनके जीवन
और समयकाल को दर्शाता है। डॉ. कलाम को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।
जहां ज्यादातर लोग जिंदगी में अवसरों को खोजते हैं, वहीं डॉ. कलाम हमेशा नई चुनौतियों की तलाश में रहते थे। वह
अक्सर गीता और कुरान पढ़ते थे। उन्होंने कुछ समय के लिए भारत के रक्षा मंत्री के सलाहकार के तौर पर भी काम किया
और वह साल 1999 से 2001 के बीच भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार भी रहे।
डॉ. कलाम के दिल में सेना के अधिकारियों और वीर सैनिकों के लिए बहुत सम्मान था। उन्होंने अपने करियर में 30 से ज्यादा
किताबें लिखीं जिनमें विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड और इंडिया 2020 : ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम सबसे ज्यादा
चर्चित हैं। उन्होंने अपने जीवन में कई जिम्मेदारियों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया। डॉ. कलाम छात्रों से प्रेम करते थे।
उन्होंने अपना पूरा जीवन शिक्षण में बिताया और अपने अंतिम समय में भी वे मेघालय में छात्रों के बीच में थे। यह उनकी
प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारत के इतिहास में डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम को देश का बच्चा-बच्चा एक दूरदर्शी, वैज्ञानिक और
सादा जीवन जीने वाले व्यक्ति तथा एक महान देशभक्त के रूप में सदैव याद रखेगा। n

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें