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सावधान! नकली पलकें छीन सकती हैं आंखों की रोशनी

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     डॉ. श्रेया पाण्डेय 

पुराने जमाने की अभिनेत्री श्रीदेवी ने ‘नगीना’ फिल्म में एक्टिंग की थी। उन्हें अपनी आंखें सांप जैसी दिखाने के लिए घंटों फॉल्स आईलैशेज और कॉन्टैक्ट लेंसेज लगाने पड़ते थे। ऐसी खबर आई आई थी इसका उनकी आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा. उनकी विजन कमजोर हो गई थी।

    अभी लंदन से एक खबर आई है कि नकली आईलैशेज लगाने के कारण एक 22 साल की युवती को अपनी आंखों की रोशनी खोनी पड़ी। लगातार नकली पलकें लगाने के कारण उसकी आंखें सूजने लगीं और उसे कॉर्नियल अल्सर हो गया था। 

    हालांकि नकली पलकें आंखों को ज्यादा सुंदर बनाती हैं। इसे पहनने के बहुत जोखिम भी हैं। नकली पलकों के कारण क्या हो सकती हैं समस्याएं  और उनसे बचाव के क्या उपाय हो सकते हैं? जानते हैं इस लेख से।

*आंखों में दर्द और रेडनेस :*

अगर आप नकली पलकें पहनती हैं, तो कुछ चीजें जानना ज़रूरी हो जाती हैं। जब भी आपकी आंख के पास कोई बाहरी वस्तु आती है, तो यह जोखिम कारक होता है।

      अगर आपको नकली पलकें पहनने के बाद नीचे बताये गए कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं, तो उपचार के लिए तुरंत किसी आई स्पेशलिस्ट से मिलें।

आंखों में दर्द, रेडनेस, तेज दर्द होना, लाइट के प्रति संवेदनशीलता, किसी तरह का आंखों से सीक्रेशन, बुखार, धुंधली दृष्टि और सूजन घातक लक्षण है.

    नकली पलकें आंखों पर गोंद से चिपकाई जाती हैं। बैक्टीरिया और फंगस गोंद के नीचे फंस सकते हैं। ये संक्रमण का कारण बन सकते हैं। नकली पलकों से आंखों के आसपास सूजन, लालिमा और बहुत दर्द होता है। पलकें खुद भी कॉर्निया को परेशान कर सकती हैं। जब गोंद गाढ़ा हो जाता है, तो यह गिर सकता है और कॉर्निया को खरोंच सकता है। खरोंच गंभीर होने पर बाद में घाव और कॉर्निया अल्सर का कारण बन सकता है।

यहां हैं नकली पलकों को लगाने के कारण होने वाली समस्याएं :

    *आंखों में संक्रमण :*

जब बैक्टीरिया नकली पलक के गोंद के नीचे और असली पलक पर जमा हो जाते हैं, तो संक्रमण हो सकता है। नकली पलकों को स्टोर करके दोबारा इस्तेमाल किया जाता है या लगाने से पहले पलकों को किसी सतह पर गिरा दिया जा सकता है। 

     इससे हानिकारक बैक्टीरिया और गंदगी के आंख में जाने का जोखिम होता है। नकली पलकें हटाने के बाद अपनी पलकों को साफ करना भूल जाने या उन्हें किसी के साथ शेयर करने से भी संक्रमण हो सकता है। इससे क्रॉस-इन्फेक्शन हो सकता है। इसके कारण स्टाई या कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है।

*एलर्जिक रिएक्शन :*

कुछ लोगों को पलकों को जगह पर रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ग्लू से एलर्जी होती है। इसमें अक्सर फॉर्मेल्डिहाइड होता है। कुछ लोगों को नकली पलकें बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फाइबर से भी एलर्जी हो सकती है। 

     पलकों से एलर्जी होने पर जलन, सूजन या दाने हो सकते हैं। गंभीर एलर्जी होने पर तुरंत इलाज कराणा जरूरी है, ताकि दृष्टि की हानि या अन्य कॉम्प्लिकेशन को रोका जा सके।

*प्राकृतिक पलकों को नुकसान :* 

नकली पलकें असली पलकों को अस्थायी या स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकती हैं। नकली पलकें हटाने से प्राकृतिक पलकें टूट सकती हैं। बालों के रोम भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं। जब ऐसा होता है, तो असली पलकें वापस नहीं उग पाती हैं।

*आंखों को लग सकती है चोट :*

आंख के पास छोटी वस्तु रखने से हमेशा कॉर्नियल चोट (Corneal injuries) लगने का खतरा रहता है। यह बहुत गंभीर हो सकता है। इससे कॉर्निया में खरोंच लग सकती है।

*कैसे करें बचाव?*

  नकली पलकों से जुड़ी आंखों की समस्याओं से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप उन्हें न पहनें। अगर आपको लगाना ही है, तो आंखों को सुरक्षित रखने के लिए ये उपाय कर सकती हैं–

~गोंद की मात्रा सीमित रखें

~चमकदार या गहनों वाली पलकों से बचें

~पलकों को हटाते समय बहुत अधिक सतर्कता बरतें

~नकली पलकों को हटाने के बाद असली पलकों की अच्छी तरह सफाई करें

~फॉर्मेल्डिहाइड वाले गोंद से बचें

~अपनी नकली पलकों को कभी भी दूसरों के साथ साझा न करें.

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