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निरंतर बढ़ता जा रहा है संस्कार की ढोल पीटने वाले भाजपाइयों का दुराचार 

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         पुष्पा गुप्ता 

फ़ासीवादी भाजपा का रुग्न, वीभत्स, घिनौने और घोर स्त्री विरोधी मानसिकता वाला चेहरा फ़िर बेनकाब हो चुका है। भाजपा पार्टी बलात्कारियों की शरणस्थली बन चुकी है। शायद ही ऐसा कोई माह बीतता हो जब किसी बड़े भाजपाई नेता या उसके सहयोगी दलों के नेताओं का नाम स्त्री विरोधी अपराधों में नहीं आता हो। 

      इस पार्टी में ऐसे संस्कारी लोग पैदा हुए हैं, जो स्त्रियों को बच्चा पैदा करने की मशीन समझते हैं। इन्हीं के नेता गोलवलकर का मानना था कि बलात्कार का राजनीतिक हिंसा के उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जाना चाहिए! ऐसी घिनौनी मानसिकता वाली भाजपा पार्टी द्वारा चिन्मयानन्द, कुलदीप सिंह सेंगर, ब्रजभूषण, साक्षी महाराज जैसे लोगों को पैदा करना कोई आश्चर्य की बात नहीं! 

      इनके घिनौने कुकृत्य हर बार सामने आते रहे हैं लेकिन अभी कर्नाटक में जो यौन उत्पीड़न और बलात्कार का मामला सामने आया है, उसकी वीभत्सता अकल्पनीय है। कर्नाटक के हासन से वर्तमान जद(से) सांसद और भूतपूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवीगोड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना ने क़रीब 2800 महिलाओं का न सिर्फ़ बलात्कार किया बल्कि अपने इन कुकृत्यों को रिकॉर्ड किया! 

      ऐसे क़रीब 2976 वीडियो मौजूद हैं। यह वीडियो प्रज्वल ने इसलिए बनाये ताकि आगे इन महिलाओं को ब्लैकमेल कर सके। जिन महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, उनमें से कई महिलाएंँ ख़ुद इसी की पार्टी की सदस्य थीं और कई तो ग़रीब परिवारों से आती थीं, जो मदद के सिलसिले में इस दरिन्दे से मिलने पहुंँची थीं। इसने राज्य की महिला अधिकारियों को भी अपनी हवस का शिकार बनाया है। 

      जो वीडियो सामने आये हैं, उनमें उस स्तर की यौन हिंसा है, जिसका ज़िक्र तक नहीं किया जा सकता है!

इस क़िस्म का घटिया आदमी यदि एनडीए गठबन्धन का कर्नाटक में पोस्टर बॉय बना हुआ है, तो इसमें चकित होने की कोई बात नही हैं। भाजपा बलात्कारियों को पैदा करने और उनका संरक्षण करने में माहिर पार्टी है। भाजपा को दिसम्बर से ही इसके कुकृत्यों के बारे में सब जानकारी थी। 

      ख़ुद इनके राज्य अध्यक्ष को देवराज गोडा ने पत्र लिखकर इसके कुकृत्यों के बारे में बताया था। ऐसे बलात्कारियों को भाजपा द्वारा ना सिर्फ़ टिकट दिया गया बल्कि ख़ुद देश के प्रधानमंत्री मोदी इसकी रैली में इसके लिए वोट मांँगता हुआ यह कहता है कि रेवन्ना को दिये गये वोट का मतलब मोदी को दिया गया वोट है! 

      समझदार को इशारा काफ़ी है। यदि रेवन्ना को दिया गया वोट मोदी को दिया गया वोट है, तो समझ जायें कि मोदी राज में इस देश की महिलाऐं कहीं भी सुरक्षित नहीं होंगी। इसलिए यदि आपको सुरक्षित रहना है तो यह सुनिश्चित करना होगा कि इस बार यह बलात्कारी पार्टी सत्तासीन ना हो।

      ज्ञात हो कि वोटिंग के दिन तक इन्हीं सत्तासीन लोगों द्वारा रेवन्ना के कुकृत्यों पर पर्दा डालने का प्रयास किया गया था। लेकिन, ठीक वोटिंग के बाद जब रेवन्ना के यौन अपराधों के वीडियो पेन ड्राइव के ज़रिये लीक हो गये तो पूरे राज्य में रेवन्ना को गिरफ़्तार करने की मांँग उठने लगी। फ़िर बड़े शातिराना ढंग से रेवन्ना जैसे अपराधी को जर्मनी भागने की छूट दी गयी।

      अब जब प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी भाग चुका है, तब राज्य की कांग्रेस सरकार ने आनन-फानन में एसआईटी घटित कर मामले की जांँच शुरू की है। 

     यह कोई पहली बार नहीं हो रहा है जब बलात्कारियों को बचाने के लिए भाजपा एड़ी-चोटी का ज़ोर लगा रही हो। इसके पहले भी आसाराम बापू, डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम, बिल्किस बानो के बलात्कारी आदि को बचाने के लिये फ़ासीवादी भाजपाई किस हद तक उतर चुके हैं, इससे हम सब वाक़िफ़ है। 

      यह कैसे भूला जा सकता है कि कठुआ में 8 साल की बच्ची के बलात्कारियों के समर्थन में इन्हीं भाजपाईयों ने तिरंगा लेकर रैली निकाली थी। क्या हम ये भूल जाएं कि बिल्किस बानो के बलात्कारियों के रिहा होने पर, भाजपा के नेताओं ने इन दरिन्दों का स्वागत फूल-मालाओं से किया था? इतिहास इस बात का साक्षी है कि भाजपा बलात्कारियों की शरणस्थली है। 

   यही भाजपा के शुचिता और संस्कार का सच है!  जब छुपाने की लाख कोशिश करने के बावजूद यह मामला सामने आ गया है, तब मोदी जी जो अभी कुछ दिन पहले ही अपनी चुनावी रैलियों में देश की बहुसंख्यक हिन्दू आबादी की महिलाओं के मंगलसूत्र की रक्षा की बात कर रहे थे, उसपर चुप्पी साधे बैठे हैं! 

      मानवता को शर्मसार करने वाली मणिपुर की घटना पर भी देश के प्रधानमंत्री चुप्पी साधे हुए थे! इनके द्वारा घटना की निन्दा करना तो दूर की बात है, हालत यह है कि इनके द्वारा बलात्कारी रेवन्ना को संरक्षण नहीं देने को लेकर आज सड़क पर उतरकर संघर्ष करना पड़ेगा! 

आज ज़रूरत है कि सत्ता के संरक्षण में ऐसे बलात्कारियों को सज़ा दिलाने के लिए जनता सड़कों पर एकजुट हो और इस स्त्री विरोधी भाजपाइयों का पर्दाफ़ाश किया जाए! हम जानते हैं यदि हम सकड़ों पर उतरकर उन महिलाओं के लिए न्याय की माॅंग नहीं करते हैं तो यह मामला रफा़ दफा़ कर दिया जायेगा।

      इसे दबाने की पूरी कोशिश पहले ही की जा चुकी है। और जब सत्तासीन पार्टी का संरक्षण ऐसे बलात्कारी को प्राप्त है तो यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि इसपर हम अपनी चुप्पी तोड़ें। अगर ऐसी क्रूर घटना पर हमने चुप्पी साध ली, तो इसका एक ही मतलब होगा कि हमारी इंसानियत मर चुकी है।

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