अग्नि आलोक
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अतिरिक्त

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तुम चेहरे की 

मुस्कुराहट पर मत जाओ 

बहुत गम होते हैं 

सीने में दफन।

तुम झूठी 

वफाओं में मत आओ

बहुत ख़्वाब होते हैं

आधे अधूरे से।

तुम इन सिमटी हुई

निगाहों पर मत जाओ

बहुत कुछ बिखरा हुआ होता है

छुपी हुई निगाहें में।

तुम टूटे हुए ह्रदय पर

मत जाओ

बहुत शेष होता है प्रेम

ओरों के लिए।

राजीव डोगरा

(टी.जी.टी हिंदी)

राजकीय उत्कृष्ट वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय

गाहलिया 

पता-गांव जनयानकड़

पिन कोड -176038

कांगड़ा हिमाचल प्रदेश

9876777233

rajivdogra1@gmail.com

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