अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

अंतरिम बजट:ग्रामीण विकास पर रहेगा जोर, सौर ऊर्जा को भी प्रोत्साहन,बढ़ सकता है 80सी का दायरा

Share

आम चुनावों से पहले पेश होने वाले अंतरिम बजट में सरकार ग्रामीण विकास पर जोर दे सकती है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के अनुसार, कमजोर मानसून और कमजोर रबी बुआई से उत्पन्न चुनौतियों को हल करने की प्राथमिकता होगी। साथ ही, मनरेगा, पीएम किसान और पीएमएवाई जैसी योजनाओं पर खर्च बढ़ाकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना में चालू वित्त वर्ष के अनुमानित 60,000 करोड़ रुपये के बजट को 2024-25 में बढ़ाकर 70,000-75,000 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है। मनरेगा के वर्तमान अनुमानित 60,000 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 80,000-85,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बजट में सरकार सौर ऊर्जा लगाने वाले घरों के लिए प्रोत्साहन की भी घोषणा हो सकती है। फेम सब्सिडी को भी घोषित किया जा सकता है। सरकार खर्च बढ़ाकर 11.5 से 12 लाख करोड़ रुपये कर सकती है। बचत को प्रोत्साहित करने के लिए आयकर कानून की धारा 80सी का दायरा बढ़ाया जा सकता है।

सरकार ने पूंजीगत खर्च में वृद्धि की योजना बनाई है। अगले वित्त वर्ष के लिए खर्च को डेढ़ से दो लाख करोड़ रुपये बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, इस अंतरिम बजट में कोई बड़े कर परिवर्तन की उम्मीद नहीं है। सरकार खपत वृद्धि को बनाए रखने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। नई कर व्यवस्था में करदाताओं को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन की घोषणा भी की जा सकती है। ब्यूरो

राजकोषीय घाटा का लक्ष्य 5.9 फीसदी
रिपोर्ट में कहा गया है कि नीतिगत निरंतरता बनाए रखने और राजकोषीय समेकन पर भी फोकस हो सकता है। वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 5.9 फीसदी रखा जा सकता है। हालांकि, अनुमान से कम नॉमिनल जीडीपी वृद्धि और उच्च खर्च का एक संभावित जोखिम भी बना रहेगा। अगले वित्त वर्ष में बजट में घाटे का लक्ष्य 5.4 से 5.5 फीसदी के बीच रखा जा सकता है। बजट में कुछ तैयार उत्पादों पर सीमा शुल्क का पुनर्मूल्यांकन भी हो सकता है।

पीएम किसान सम्मान निधि
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना में चालू वित्त वर्ष के अनुमानित 60,000 करोड़ रुपये के बजट को 2024-25 में बढ़ाकर 70,000-75,000 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है। मनरेगा के वर्तमान अनुमानित 60,000 करोड़ के बजट को बढ़ाकर 80,000-85,000 करोड़ रुपये किया जा सकता है। ग्रामीण और शहरी स्तर पर सस्ते हाउसिंग के तहत प्रावधानों को 80,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये किया जा सकता है।

सब्सिडी को बनाया जा सकता है तर्कसंगत
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में सब्सिडी में अनुमान से अधिक उछाल के बाद 2024-2025 में इन्हें तर्कसंगत बनाया जा सकता है। 2023-24 में सरकार ने प्रमुख सब्सिडी (खाद्य, उर्वरक और पेट्रोलियम) के लिए 3.7 लाख करोड़ रुपये का बजट रखा था। अगले पांच वर्षों के लिए पीएम-गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को बढ़ाने से वित्त वर्ष 2023-24 में खाद्य सब्सिडी बिल 35 से 40 हजार करोड़ रुपये तक बढ़ सकता है। चूंकि अन्य सब्सिडी में कटौती की उम्मीद नहीं है, इससे वित्त वर्ष 2023-24 में कुल सब्सिडी का बोझ 4-4.2 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष में बोझ घटकर 3.9-4 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें